Friday, December 30, 2011

एक साल और गया.

किसी ने नए साल की बधाई दी तो, अभी याद आया, एक साल और गया. उफ़ कितना ही लम्बा हो गया इस बार ये बरस. याद आता ही नहीं, पिछली बार कब नया नया आया था . क्या इस बार कुछ नया आएगा या यह साल भी कुछ यूँ ही जाएगा. नया न भले लाये पर साल को यूँ बोझिल न बनाये. कटता रहता है समय तो, बैचेनी नहीं होती. इस साल तो समय, बस बीतता रहा हम पर.