Friday, August 5, 2011

कई सालों के अनुभव से पाया है कि हिंदुस्तान में व्यवसायगत नैतिकता, व्यवसाय कि सामाजिक प्रतिष्ठा के ब्युत्क्रमानुपाती है. सामन्यतया ब्यूरोक्रेट < प्रोफ़ेसर < डाक्टर < इंजिनीअर <........ सबसे निचली पायदान पर आते हैं. सबसे कठिनाई से नौकरी/ व्यवसाय पाए लोग सबसे निक्रिस्ट कोटि कि प्रेफेसनल एथिक्स रखते है.. बिना बारी देखने के लिए डाक्टर फ़ीस में दो सौ जोड़ कर देने के लिए कहता है. और आज पानी से भरी सड़क पार करवा देने के लिए मैंने रिक्शा चालक को जब उसकी फ़ीस देनी चाही तो उसने हंस के कहा इसका का क्या लेना

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